उत्तराखंड की देवभूमि नैनीताल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यहाँ शिक्षा का एक ऐसा केंद्र भी स्थित है जो आधुनिक और पारंपरिक शिक्षा का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है। नैनीताल से लगभग 3 किलोमीटर पैदल मार्ग और सड़क मार्ग से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ‘पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार’ एक प्रतिष्ठित आवासीय विद्यालय है। यह विद्यालय भारतीय संस्कृति और आधुनिक शिक्षा के मेल से विद्यार्थियों का समग्र विकास करता है।
Overview: Parwati Prema Jagati Saraswati Vihar, Nainital
गुरुकुल का नाम | Parwati Prema Jagati Saraswati Vihar |
गुरुकुल का प्रकार | गुरुकुल |
आचार्य का नाम | |
स्थापना दिवस | 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर Estd. 1983 |
संस्थापक का नाम | श्रीमती पार्वती देवी शाह |
गुरुकुल में क्या पढ़ाया जाता है | वैदिक शिक्षा एवं मॉडर्न एजुकेशन भी |
संपर्क नंबर | 7351006369, 7017272979, 7351005669, 9412179838 |
ppjsvihar@gmail.com | |
गुरुकुल का पता | PARVATI PREMA JAGATI SARASWATI VIHAR Senior Secondary Residential School (Affiliated to CBSE) Durgapur, P.O. Bisht Estate, Jeolikot, Nainital-263127 (Uttarakhand) |
गुरुकुल का ऑफिशियल वेबसाइट | Click Here |
Parwati Prema Jagati Saraswati Vihar गुरुकुल में किस प्रकार का शिक्षा मिलता है?
Parwati Prema Jagati Saraswati Vihar में सनातन संस्कृति के साथ-साथ आधुनिक तकनीक पर आधारित शिक्षा दिया जाता है और इससे इसमें पढ़ने वाले विद्यार्थी जीवन के हर क्षेत्र में ऊंचाइयों पर जा पाते हैं। चाहे वो प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां हो या सरकारी नौकरियां हो या सरकार के अन्य ऊंचे ऊंचे पदों पर इस गुरुकुल के पढ़े हुए बच्चे पहुंच पाते हैं।
संस्थान की स्थापना और उद्देश्य
इस गुरुकुल की नींव रखने के लिए श्रीमती पार्वती देवी शाह ने विद्या भारती को यह भूमि शिक्षा के उत्थान हेतु दान में दी थी। 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर इस विद्यालय की स्थापना की गई। समय के साथ यह शिक्षण संस्थान एक वट वृक्ष की तरह विशाल हो चुका है, जो शिक्षा और संस्कारों की छांव में अनगिनत विद्यार्थियों का भविष्य संवार रहा है।
परंपरागत शिक्षा के साथ आधुनिक तकनीक
विद्यालय में विद्यार्थियों को न केवल सनातन संस्कृति की शिक्षा दी जाती है, बल्कि उन्हें आधुनिक विज्ञान, तकनीक और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए भी तैयार किया जाता है। यह विद्यालय कक्षा 6 से 12वीं तक की शिक्षा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम के अनुसार प्रदान करता है। यहाँ के विद्यार्थी हर वर्ष बेहतरीन परीक्षाफल के साथ सफलता की नई ऊँचाइयों को छूते हैं।
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विद्यार्थियों की दिनचर्या और अनुशासन
यहाँ की दिनचर्या अनुशासन और संस्कारों से ओत-प्रोत होती है। विद्यार्थियों का दिन योग, ध्यान, देशभक्ति गीत और प्रार्थना के साथ आरंभ होता है। विद्यालय में अनुशासन को विशेष महत्व दिया जाता है, जो विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर और चरित्रवान बनने के लिए प्रेरित करता है।
सुविधाएँ और विशेषताएँ
इस विद्यालय का परिसर 21 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और यहाँ विद्यार्थियों के लिए उत्कृष्ट सुविधाएँ उपलब्ध हैं:
- 15000+ पुस्तकों वाली लाइब्रेरी – यह लाइब्रेरी विद्यार्थियों के लिए सुबह से देर रात तक खुली रहती है। इसके अतिरिक्त, ई-लाइब्रेरी भी उपलब्ध है जिससे छात्र डिजिटल रूप से अध्ययन कर सकते हैं।
- आधुनिक विज्ञान और कंप्यूटर लैब – यहाँ विज्ञान प्रयोगशालाओं के साथ-साथ वर्चुअल और सिमुलेशन आधारित लर्निंग की सुविधा भी उपलब्ध है।
- वैदिक गणित और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस – विद्यार्थियों को गणितीय दक्षता और आधुनिक तकनीक जैसे रोबोटिक्स, एआई और साइबर सिक्योरिटी से परिचित कराया जाता है।
- खेल और शारीरिक शिक्षा – 16 खेलों के विशेष कोचिंग कार्यक्रम के साथ यहाँ फुटबॉल, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, जूडो और बास्केटबॉल की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
- विशाल बहुद्देशीय हॉल – 3000 दर्शक क्षमता वाले इस हॉल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह ‘रज्जू भैया’ हॉल के रूप में जाना जाता है।
- संगीत और कला प्रशिक्षण – विद्यार्थियों को संगीत वाद्ययंत्रों और नृत्य कला की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है।
- सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ – 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से युक्त परिसर के साथ यहाँ आधुनिक अस्पताल भी संचालित है, जहाँ ओपीडी और एक्स-रे जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
- स्वच्छ एवं सुरक्षित छात्रावास – विद्यार्थियों के लिए आरामदायक और स्वच्छ छात्रावास की व्यवस्था की गई है, जहाँ सोलर एनर्जी से संचालित सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
राष्ट्रभक्ति और नेतृत्व कौशल का विकास
विद्यालय में विद्यार्थियों को एनसीसी, स्काउटिंग और विभिन्न नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ा जाता है, ताकि वे राष्ट्र निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभा सकें। यहाँ समय-समय पर उद्योगपतियों, राजनीतिक हस्तियों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिससे विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलती है।
‘शिक्षार्थ आइए, सेवार्थ जाइए’ की अवधारणा
पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि एक संस्कार केंद्र है जो ‘शिक्षार्थ आइए और सेवार्थ जाइए’ की अवधारणा को साकार करता है। यह गुरुकुल अपने विद्यार्थियों को केवल शिक्षित ही नहीं बल्कि एक आदर्श नागरिक और सच्चा राष्ट्रभक्त भी बनाता है।
नैनीताल की सुरम्य वादियों में बसा यह गुरुकुल शिक्षा और संस्कृति का एक आदर्श उदाहरण है, जहाँ हर विद्यार्थी अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए कदम बढ़ाता है।
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