इस पोस्ट में हम Gurukul Vs Modern Education यानी गुरुकुल में पढ़ने का और कन्वेंट स्कूल या इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने का क्या फर्क है, गुरुकुल का पढ़ा हुआ बच्चा कैसा होता है और कान्वेंट स्कूल का पढ़ा हुआ बच्चा कैसा बनता है ये फर्क हम इस पोस्ट में जानेंगे और आपको भी इसे समझना बहुत जरूरी है क्योंकि ये भारत के भविष्य को लेकर काफी जरूरी चर्चा है, गुरुकुल एवं कान्वेंट स्कूल के बीच का फर्क भारत के हर व्यक्ति को जानना बहुत जरूरी है।
गुरुकुल और कान्वेंट स्कूल में क्या फर्क है?
कॉन्वेंट स्कूल या इंग्लिश मीडियम स्कूलों में सिर्फ और सिर्फ अक्षर का ज्ञान कराया जाता है यानी रोजगार और व्यावसायिक कौशल विकास पर केंद्रित किया जाता है यानी कान्वेंट स्कूल या इंग्लिश मीडियम स्कूल या आधुनिक शिक्षा प्रणाली जो भी कहें उसमें पढ़ाने से आपका बच्चा सिर्फ और सिर्फ पैसे कमाने का मशीन बन पाएगा, उसके अंदर ना ही भारत का संस्कृत होगी और ना हीं संस्कार होगा, ऐसा बच्चा को ना हीं अपने देश और ना ही अपने धर्म से कुछ खास मतलब होता है वो सिर्फ और सिर्फ पैसे पर ही अपना ध्यान केंद्रित रखते हैं।
वही गुरुकुल में पढा हुआ बच्चा कॉन्वेंट स्कूल या इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले विषय तो पढ़ते ही हैं साथ ही साथ शास्त्र, वेद कला एवं नैतिक मूल्यों को भी सिखते हैं जिसके वजह से होता ये है कि आपका बच्चा पैसा कमाने का मशीन तो बनता ही है साथ ही साथ उसके अंदर भारत की सभ्यता संस्कृति एवं संस्कार कूट-कूट कर भरे होते हैं जिसके वजह से वो अपने माता-पिता, सगे संबंधी एवं देश के सभी लोगों का आदर करना सीख जाता है एवं अपने देश और धर्म के लिए भी सजक एवं जागरूक रहता है।
आधुनिक शिक्षा प्रणाली या उसे आप कान्वेंट स्कूल की पढ़ाई कहें या फिर इंग्लिश मीडियम स्कूलों की पढ़ाई हो इन सभी जगहों पर सिर्फ रोजगार प्राप्त और कैरियर विकास तक सीमित होता है ये प्रणाली सैद्धांतिक ज्ञान एवं अंकों की होड़ और प्रतिस्पर्धा पर आधारित होती है इसमें बच्चो को सिर्फ और सिर्फ ज्यादा से ज्यादा अंक दिलाना, अक्षर का ज्ञान कराना ताकि वो पैसे कमा सके बस इतना पर ही सीमित कर दिया जाता है।
लेकिन गुरुकुल में एक व्यक्ति को संपूर्ण व्यक्ति बनाया जाता है यानी गुरुकुल का पढ़ा हुआ बच्चा प्राइवेट से लेकर सरकारी सेक्टर में ऊंचा ऊंचा पदों पर नौकरी भी प्राप्त कर सकता है और अपने देश और धर्म के प्रति जागरूक भी रहता है, समाज को अपने परिवार की तरह मानता है एवं अपने माता-पिता को कभी भी अपने से दूर नहीं छोड़ता है।
अब आप समझ चुके होंगे कि गुरुकुल एवं कॉन्वेंट स्कूल या इंग्लिश मीडियम स्कूलों में क्या फर्क है और हमें उम्मीद है कि आप भी अपने बच्चों को गुरुकुल में ही पढाना बेहतर समझेंगे, यहां पर हम भारत में स्थित कुछ सर्वश्रेष्ठ गुरुकुल का लिस्ट दे रहे हैं जिसे आप देख सकते हैं। भारत में टॉप 06 सर्वश्रेष्ठ गुरुकुल।
आज के नए युग का गुरुकुल
कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि गुरुकुल में अपने बच्चों को पढ़ाने से बच्चा सिर्फ पंडित बन पाएगा और कुछ नहीं कर पाएगा लेकिन उन लोगों के लिए एक सलाह है कि ये सब बातें आज से कई सालों पहले हुआ करती थी लेकिन आज के नए युग का गुरुकुल में काफी बदलाव हो चुका है और गुरुकुल को इस हिसाब से ढाल दिया गया है ताकि इसमें पढ़ने वाला बच्चा कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के ही तरह पैसे कमाने का मशीन भी बन सके एवं वेद, कला नैतिक मूल्यों को भी सीख सके ताकि संस्कारी, देशभक्ति एवं समाज को आगे ले जाने वाला भी बन सके।
आज के गुरुकुल के पढ़े हुए एक-एक बच्चे सरकारी से लेकर प्राइवेट सेक्टर में ऊंची ऊंची पदों पर नौकरियां प्राप्त कर रहे हैं एवं न्यायपालिका से लेकर मीडिया क्षेत्र एवं अन्य बड़े-बड़े क्षेत्रों में अपना पांव जमा रहे हैं जिसे देखकर लोग हैरान हैं और जिनको ये बात समझ में आ चुकी है वो अपने बच्चों को गुरुकुल में ही पढ़ाना चाहते हैं जिसके वजह से आज गुरुकुल की संख्या तेजी से बढ़ रही है एवं जितने गुरुकुल हैं उसमें जगह नहीं मिल पा रहा है।
भारत का सर्वश्रेष्ठ गुरुकुल पतंजलि गुरुकुलम
पतंजलि गुरुकुलम या पतंजलि आचार्य कुलम जो की हरिद्वार में स्थित है इसे भारत का सर्वश्रेष्ठ गुरुकुल माना जाता है। इस गुरुकुल के पढ़े हुए बच्चे सफलता के ऊंची ऊंची शिखर पर अपना पांव रखते हैं एवं देश एवं विदेशों तक में जाकर भारत का मान बढ़ाते हैं।
पतंजलि गुरुकुलम एवं आचार्य कुलम का शुल्क ज्यादा होने के वजह से निम्न वर्ग के लोग अपने बच्चों को इस गुरुकुल में नहीं पढ़ा पाते हैं लेकिन जो गरीब लोग हैं उनके लिए भी इस देश में कई सारे फ्री गुरुकुल है जिसका लिस्ट आप यहां से देख सकते हैं। भारत में टाॅप 10 निःशुल्क गुरुकुल
पतंजलि का लक्ष्य हर राज्य एवं जिलों में गुरुकुल बनाना है जो कि इस दिशा में काफी तेजी से काम चल भी रहा है अपने बच्चों को पतंजलि के गुरुकुल में पढ़ाने के लिए पतंजलि का कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करके बात करें एवं अपने बच्चों का उम्र और अन्य जानकारियां बताएं।
भारतीय शिक्षा बोर्ड
पतंजलि के सर्व सर्वा योग गुरु स्वामी रामदेव जी के द्वारा शुरू किया गया भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन इस लिए भी हुआ ताकि भारत के स्कूलों को इस शिक्षा बोर्ड से जोड़कर गुरुकुल वाली पढ़ाई कराई जा सके ताकि बच्चे इन स्कूलों में पढ़कर एक संपूर्ण व्यक्ति बन सके ताकि वो अपना घर एवं इस देश का विकास तेजी से कर सके और देश के भविष्य को सुरक्षित कर सके।
आप अपने स्कूल को भारतीय शिक्षा बोर्ड से जोड़ने के लिए एवं भारतीय शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में पुस्तकें मंगाने के लिए बोर्ड के द्वारा शुरू किया गया इस संपर्क नंबर एवं ईमेल के जरिए संपर्क करें और उनसे बात करें।